आज फिर यादों में खोने का मन…
आज फिर यादों में खोने का मन करता है
गोद में उनकी,सुकून से सोने का मन करता हैं
पलटे पन्नो से ,धूल हटाने का मन करता है
सोए हुए मन को, जगाने का मन करता है
आज फिर यादों……
वो जिंदगी न बन पाया मेरी,कोई बात नहीं
उन्हें समझाए कैसे ,मरते कभी जज्बात नहीं
ख्वाब,उनके आँखों में,सजाने का मन करता है
नींद से, एक बार उसे,जगाने का मन करता है
आज फिर यादों…..
सख्त बांहो के घेरे में,सट जाने का मन करता है
कांधे पर सिर रखकर उसके,रोने का मन करता है
मीठी बातें उसकी,फिर से सुनने का मन करता हैं
संग उसके दूर कहीं,घुमने की जिद मन करता है
आज फिर यादों……
भूले बिसरे वादे उसके, पुरे करने का मन करता है
उसके संग जीने का, उस पर मरने का मन करता है
आज फिर वापस उसके पास,जाने का मन करता है
उसको मेरे पास फिर से, बुलाने का मन करता है
आज फिर यादों…..