आज नहीं तो कल मै जागू
आज नहीं तो कल मै जागू,
जीवन मे शांति ही पा लूँ ।
अपनी कृपा मुझमे तुम करना,
सदकर्मो की झोली भरना,
मांगू कुछ ना दाता तुझसे,
तुम बिन अब मुझे कुछ ना भाता।।
आज नहीं तो कल मै जागू,
जीवन मे शांति ही पा लूँ ।
एक ही जग है ,
तू जग का स्वामी,
तुम ही हो जीवों का मालिक,
रक्षा सबकी करना स्वामी।।
आज नहीं तो कल मै जागू,
जीवन मे शांति ही पा लूँ ।
मन मेरा बैरागी हो गया,
तुझको पाने को खुद मे खो गया,
आँखे तरसे कंठ है प्यासा,
दर्शन के बिन मन माने ना स्वामी।।
आज नहीं तो कल मै जागू,
जीवन मे शांति ही पा लूँ।
आओ स्वामी सुख वैभव ले,
भूल को मेरे दे दो माफी,
दुःख सब के दूर करो तुम,
करुणा के तुम ही हो स्वामी।।
आज नहीं तो कल मै जागू,
जीवन मे शांति ही पा लूँ ।
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर