आज नहीं कल दूंगा __ घनाक्षरी
आज नहीं कल दूंगा देकर के लूंगा दम ।
उधारी वाले देते हैं यही तो बयान है।।
जिसने उधार दिया उसने क्या बुरा किया।
बिगाड़ते लेने वाले अपनी जबान है।।
दे नहीं पाते है तो फिर काहे को ले लेते है।
सच सच कहता हूं ये तो झूंठी शान है।।
जिसका लिया है कभी अभी चुका दीजिए जी।
बचा रह जायेगा “अनुनय” सम्मान है।।
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राजेश व्यास अनुनय