आज नज़रे।
आज नज़रे तुम्हारी क्यों इतनी ज्यादा ख्वाबीदा ख्वाबीदा हैं।
शायद मोहब्बत के अहसास ने तुझे रात भर सोने ना दिया है।।
ख्वाबीदा=नींद में
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
आज नज़रे तुम्हारी क्यों इतनी ज्यादा ख्वाबीदा ख्वाबीदा हैं।
शायद मोहब्बत के अहसास ने तुझे रात भर सोने ना दिया है।।
ख्वाबीदा=नींद में
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️