#ग़ज़ल-11
आज दीवाना हुआ हूँ देखिए क्या इश्क़ है
चाँद-सा देखूँ तुझे तो दिल बनाता अक्स है/1
रूप की किरणें मिली हैं रूह तब से ही खिली
नूर-से तन मन लिया है हाल में दिल दक्ष है/2
मौज़ मस्ती की अदाएँ प्यार बरसाती लगें
देख मुझको ये निग़ाहें एक मेरा पक्ष है/3
बोल मीठे हैं लुभाते शोखियाँ क़ातिल बड़ी
जो इशारे आँख करती देखना वो लक्ष है/4
–आर.एस.प्रीतम