*आज दिल खुश नजर है ।*
आज दिल खुश नजर है,मन करता कुछ बोल दूँ मैं।
दिए दर्द उपहार में , तो बदले में क्या अब् तोल दूँ मैं।।
सिवा उसके क्या पास मेरे,मंडियों का तो गरीब हूँ मैं
अर्पित प्यार से कर रहा मैं,पास क्या जो लोल दूँ मैं।।
बचपन मिला था एक उम्र में ,वो भी खेल में फंस मरा
समेंट वो मैंने लिया है ,फिर बता क्या किलोल दूँ मैं ।।
दवा रखी वो पोटली है,जब उघरता है तब बोलता हूँ
अब् उम्र बची क्या रह गई है,आज तो वो खोल दूँ मैं।।
बता देना भई मूल्य क्या है?गणित का कमजोर हूँ मैं
बिन बताये क्या कर्ज चुकता, फिर कैसे मोल दूँ मैं ।।
यह शांत होता जिस्म मेरा,कह रहा पाल “साहब”तुमसे
शांत वो पानी हुआ तो , किस तरह अब् हिलोल दूँ मैं ।।