आज कोई स्वस्थ नही है
आज कोई स्वस्थ नही है
आज कोई स्वस्थ नही है
देह दर्द नहीं है
ज्वर नहीं है
तब भी तू स्वस्थ नही है
कर्ज नही है
कोई फर्ज नहीं है
तब भी तू स्वस्थ नही है
क्योंकि तू संतुष्ट नहीं है
चिंता का कोई मर्ज नही है
स्वस्थ जीवन का आधार वहीं है
अगर संतुष्ट मन कहीं है
पर आज की दुनिया में तो कोई संतुष्ट नही है
क्यों नही जानते तुम भैया
शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना ही केवल स्वास्थ्य नही है
मानसिक रूप से, सामाजिक रुप से स्वस्थ रहे
तभी आप स्वस्थ सही हैं
करिश्मा चौरसिया