Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2024 · 1 min read

आज के युग का सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये है

आज के युग का सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये है
हर चीज आसानी से उपलब्ध है हर चीज के multiple ऑप्शन है फिर कीसी भी तरह के noun की बात करे फिर वो ऑनलाइन हों या ऑफलाइन। मतलब आसानी और सरलता से मिल रहा है सब कुछ और बदल भी रहे है सब कुछ।
ज्यादा आसानी से उपलब्ध होना मल्टीपल ऑप्शन के कारण
आज के लोगो में वो इंतजार करने, सब्र रखने, विश्वास रखने
टिके रहने वाला व्यवहार खतम हो गया है । मतलब social और इमोशनल इंटेलिजेंस खत्म हो गई है अब इंसान artificial intelligency जैसा रीयल टाइम result चाहता है जीवन emotion less और ह्यूमन और रिलेशन लेस।
अब एक का जेनरेशन मैं वाले भाव से जी रहा है आप हम वाला भाव खत्म हो गया है । ना घर में बच्चा नाक परवरिश में।

83 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेज़ाब का असर
तेज़ाब का असर
Atul "Krishn"
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
Sanjay ' शून्य'
देव दीपावली
देव दीपावली
Vedha Singh
जयघोष
जयघोष
Vivek saswat Shukla
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Chaahat
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
Rj Anand Prajapati
*** मुफ़लिसी ***
*** मुफ़लिसी ***
Chunnu Lal Gupta
■ मिली-जुली ग़ज़ल
■ मिली-जुली ग़ज़ल
*प्रणय*
जिंदगी है बहुत अनमोल
जिंदगी है बहुत अनमोल
gurudeenverma198
मन किसी ओर नहीं लगता है
मन किसी ओर नहीं लगता है
Shweta Soni
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कचनार
कचनार
Mohan Pandey
अकेला हूँ ?
अकेला हूँ ?
Surya Barman
जीवन चक्र
जीवन चक्र
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जीवन सरल चाहते हो तो
जीवन सरल चाहते हो तो
करन ''केसरा''
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
Neelofar Khan
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
मैं मेरी कहानी और मेरी स्टेटस सब नहीं समझ पाते और जो समझ पात
मैं मेरी कहानी और मेरी स्टेटस सब नहीं समझ पाते और जो समझ पात
Ranjeet kumar patre
जिस नारी ने जन्म दिया
जिस नारी ने जन्म दिया
VINOD CHAUHAN
आशियाना
आशियाना
Dipak Kumar "Girja"
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
डॉ.सीमा अग्रवाल
इंसानियत
इंसानियत
साहित्य गौरव
मिसाल रेशमा
मिसाल रेशमा
Dr. Kishan tandon kranti
"सैनिक की चिट्ठी"
Ekta chitrangini
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
शेखर सिंह
समूह
समूह
Neeraj Agarwal
4726.*पूर्णिका*
4726.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर,
एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर,
Manisha Manjari
तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,
तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...