आज के युग का मानव
आजकल जो भी
माहौल है
उसमें घुटन बहुत है
हर कोई अपने आप से
बुरी तरीके से जूझ रहा है
मशीन की तरह जी रहा है
आज के युग का मानव
बस अब तो कुछ समय पश्चात
यह हंसना क्या होता है
भूलने वाला है
रोयेगा भी नहीं
किसके लिए रोयेगा और
क्यों
उसे यह समझ आना बंद हो
जायेगा
वह प्यार औरों से क्या
खुद से करना भी बंद कर
देगा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001