Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 2 min read

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया
बालपन में बचपन को खोजती दुनिया
लट्टू की थाप पर थिरकती दुनिया को खोजती
पतंग की डोर संग, आसमां छूती दुनिया को टोहती

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

कुछ बदरंगी सी , कुछ मटमैली सी
रंगों के अभाव में , बेरंगी होती दुनिया
कागज़ की नाव की तरह तैरती – उतराती दुनिया
कागज़ के प्लेन सी , हवा में गोते लगाती दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

मोबाइल , टैब और लैपटॉप के इर्दगिर्द घूमती दुनिया
किताबों की खुशबू से परे , टी वी , मोबाइल को जिन्दगी समझती दुनिया
कंचों की खनखन का अभाव झेलती दुनिया
सांप – सीढ़ी पर तालियों की गूँज का अभाव झेलती दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

वो बारिश में भीगने के लुत्फ़ से महरूम दुनिया
वो चीटीधप के साथ , क़दमों को टटोलती दुनिया
वो छुपन छुपाई के खेल में मिलने वाले आनंद से महरूम दुनिया
आज के यंत्रजालों में उलझकर रह गयी दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

वो मंदिर की घंटी की ताल पर दौड़ता बचपन
वो बेर के पेड़ की छाँव को तरसता बचपन
माँ की लोरियों के अभाव से जूझता बचपन
वो दादा – दादी की कहानियों को तरसता बचपन

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

क्यूं कर न फिर से रोशन हो जाये सब
वो सत्तर व अस्सी के दशक की बाल दुनिया
क्यूं कर न फिर से विश्वास लबरेज हो जाए ये दुनिया
क्यूँ न फिर से गली – मोहल्ले की रौनक हो जाए ये दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

पतंगों की उड़ान से रोशन हो जाए आसमां
कंचों की खनक से , फिर से रोशन हो जाए गलियाँ
बचपन अपने बालपन को न तरसे फिर से
माँ की लोरियों , दादा – दादी की कहानियों से संवर जाए ये दुनिया

आज के बच्चों की बदलती दुनिया

Language: Hindi
1 Like · 105 Views
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

भूलना
भूलना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Herons
Herons
Buddha Prakash
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
Kumar lalit
।। समीक्षा ।।
।। समीक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मसला ये नहीं कि लोग परवाह नहीं करते,
मसला ये नहीं कि लोग परवाह नहीं करते,
पूर्वार्थ
21-- 🌸 और वह? 🌸
21-- 🌸 और वह? 🌸
Mahima shukla
...
...
*प्रणय*
चलो चलो शिव के दरबार
चलो चलो शिव के दरबार
gurudeenverma198
मुक्ति
मुक्ति
Shashi Mahajan
*दिव्य*
*दिव्य*
Rambali Mishra
,,,,,
,,,,,
शेखर सिंह
// तुम सदा खुश रहो //
// तुम सदा खुश रहो //
Shivkumar barman
परिंदे बिन पर के (ग़ज़ल)
परिंदे बिन पर के (ग़ज़ल)
Vijay kumar Pandey
पंखो सी हलकी मुस्कान तुम्हारी ,
पंखो सी हलकी मुस्कान तुम्हारी ,
Manisha Wandhare
यह जीवन भूल भूलैया है
यह जीवन भूल भूलैया है
VINOD CHAUHAN
1.राज
1.राज "अविरल रसराजसौरभम्"
पं.आशीष अविरल चतुर्वेदी
तुम्हारी चाहतें
तुम्हारी चाहतें
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
4913.*पूर्णिका*
4913.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुप्रभात प्रिय..👏👏
सुप्रभात प्रिय..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
रात
रात
sushil sarna
जीवन का आइना
जीवन का आइना
Sudhir srivastava
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
खाओ केक जन्मदिन वाली
खाओ केक जन्मदिन वाली
Sanjay Narayan
देखा तुम्हें सामने
देखा तुम्हें सामने
Harminder Kaur
" फलसफा "
Dr. Kishan tandon kranti
* फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब *
* फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मां कालरात्रि
मां कालरात्रि
Mukesh Kumar Sonkar
वो बातें
वो बातें
Shyam Sundar Subramanian
*Live Stillness*
*Live Stillness*
Veneeta Narula
*लफ्ज*
*लफ्ज*
Kumar Vikrant
Loading...