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16 Jun 2019 · 1 min read

आज के पापा

पहले रहते गम्भीर बहुत आज चहकते पापाजी
प्यार नहीं अब दिल में रखते,घुलते मिलते पापाजी

मम्मी घर बाहर दोनों ही अगर देखती रहती है
तो घर के कामों में भी कब पीछे रहते पापा जी

पहले अपने ही बाबूजी से बच्चे घबराते थे
आज दोस्त अपने बच्चों के देखो बनते पापाजी

रूप नया है ढंग नया है लेकिन दिल वैसा ही है
आज भावनाएं भी अपनी जाहिर करते पापाजी

चुपचाप रहें या बोले लेकिन पापा तो बस पापा हैं
बच्चों के जीवन मे खुशियों के रँग भरते पापाजी

16-06-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
1 Like · 264 Views
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