{9} आज की संतान
आज की संतान मन, माँ – बाप का जाने नहीं
माँ – बाप कहते हैं भली, उस बात को मानें नहीं
आज की संतान………….
{1} मन्दिर गये मस्जिद गये, संतान को पाना जो था
सूने से घर संसार में, संतान को लाना जो था
खाईं हैं दर – दर ठोकरें, संतान ये जाने नहीं
आज की संतान …………..
{2} संतान घर में आई जब, अनमोल झूले लाये थे
घर को सजाया स्वर्ग सा, लाखों के कपडे़ भाये थे
कितना किया माँ – बाप ने, संतान पहचाने नहीं
आज की संतान…………..
{3} माता तो सोई गीले में, संतान को सूखा मिला
संतान का मुख देखकर, मईया का तो चेहरा खिला
नाजों से पाला तुम्हें, ये बात क्यों माने नहीं
आज की संतान……………
{4} माँ – बाप चाहते हैं तुम्हें, तुम भी चाहो माँ – बाप को
अच्छे बनो अच्छे कोई, बुरा कहे न आपको
इतने बनो सच्चे कोई, बेकार कह ताने नहीं
आज की संतान……………
{5} आपको ही देखकर, सपने सजे माँ – बाप के
न मानकर माँ – बाप की, बन जाओ न तुम पाप के
जैसा करोगे पाओगे, ये बात क्यों माने नहीं
आज की.संतान…………..
सीखः- हमारे माँ – बाप और बुजुर्ग हमें भगवान से कम नहीं है। इसलिए हमें उनका तहे दिल से सम्मान करना चाहिए।
Arise DGRJ { Khaimsingh Saini }
M.A, B.Ed from University of Rajasthan
Mob. 9266034599