आज की बेटी कल की नारी
छू रही ऊंचाइयों को
आज की बेटी कल की नारी
तेजी और जिंदादिली से
विकास की राहों को
कर रही सलाम
अपनी मंजिलों की कामयाबी से
संस्कृति का रखना बस ख्याल तुम
जोश में न खो देने होश तुम
यही है बस मेरा कहना
पश्चिमी सभ्यता से बच के
विकृतियों से हट के
सादगी का रखना हमेशा गहना
लड़ो अनपढ़ता से
पढो और आगे बढ़ो प्रगति पथ पर
मर्यादा का पर तुम ध्यान रखना
ओ मेरे देश की नारी
कर ले तू अब तैयारी
हर हाल में भारत का मान रखना
न डरना पाबन्दियों से
रखकर सभी को अपने साथ
अब शक्ति के रूप में है दिखना
सशक्त हो आगे आकर
निर्णय लेने की ताकत पाकर
नया इतिहास है अब तूने रचना