आज की पीढ़ी
मीटिंगों के नाम पर, पीना जाम भर भर, सभ्यता इसे भी नई , पीढ़ी बतला रही
खोल आज की किताब, आधुनिकता का पाठ,मधुशाला खुलेआम , सब को पढ़ा रही
लड़की भी लड़के से, आज कहीं नहीं कम, बात साफ साफ़ यहाँ ,ये नज़र आ रही
छोड़ लाज की डगर, मिला उससे कदम , हुक्के सिगरट के भी , धुएँ वो उड़ा रही
31-05-2016
डॉ अर्चना गुप्ता