आज की नारी
आज की नारी बड़ी सयानी
जो बोलो वो कर पाएंगी।
तुम जितना उसे कम समझोगे
वो उतना ही तुम्हें चौंकाएंगी।
आज की नारी सब पर भारी।
बस मौके की वो अभिलाषी है।
दिया जो मौका तुमने उसको
फिर देखो जीवन में कितनी खुशहाली है।
कमजोर नहीं आज की नारी
हर मुश्किल से लड़ना उसको आता है।
कभी गंगा तो कभी दुर्गा
हर रुप उसका निराला है।
आज की नारी सब पर भारी
दुनिया में भी है उसकी भागीदारी।
इसीलिए कहता हूं मैं आज अभी
नारी को दबाना अब तुम छोड़ दो
साथ निभाना तुम सीख लो।
क्योंकि हम-तुम को अगर देश बढ़ाना है
तो नारी के संग ही कोई आशा है।
– श्रीयांश गुप्ता