आज का वक्त
किसी के पास वक्त नही किसी के जवाब का ।
जिन्दगी लगे कोई सवाल हो हिसाब का ।।
इन पंक्तियो से कह रहा हूं डाले समाज का ।
जीना हराम कर दिया है दाम प्याज और दाल का ।।
हो रहा है देश मे एक से एक घोटाला कमाल का ।
महंगाई तंग कर दिया है किसानो के हाल का ।
बढ गया है दाम सिंचाई और खाद का ।।
मुश्किल हो गया है बच्चो को पढ़ाना किसान बाप का ।
क्योकि बढ गया है फीस और दाम कापी किताब का ।।
किसी के पास वक्त नही है किसी के जवाब का ।
इस समय जलवा है नेता, पुलिस और दलाल का।।
इन सबको तलाश है अपने रूख और ताल का ।
खाते है हमारे और पूछने पे बताते है अपने आप का ।।
गायब हो रहा है धोती कुर्ता, पायजामा हमारे समाज का ।
आ गया है फैशन जींस, टी – शर्ट और पैण्ट हाफ का ।।
इसमे सब कसूर है हमारा और आप का ।
किसी के पास वक्त नही है किसी के जवाब का ।।
रखते है लोग दूसरो पर नजर नही देखते है क्या हाल अपने आप का।
खुश है सब बीवी बच्चो मे नही देखते है क्या हाल है बूढे बाप का
करते है सब गलत काम लेते है नाम अल्लाह और राम का ।।
दस्तक के लिए माफ करना दोस्तो मकसद था ।
कि पूछना क्या हाल है आपका ।।
किसी के पास वक्त नही किसी के जवाब का ।
पूरे विश्व मे है कहर कोरोना वायरस भूचाल का ।।
मुश्किल हो गया है रोकना इसके वृहद् जाल का ।
किसी के पास वक्त नही है किसी के जवाब का ।।
☆☆ RJ Anand Prajapati ☆☆