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21 Oct 2024 · 1 min read

आज का युग बेईमान है,

आज का युग बेईमान है,
जहाॅं ना संस्कार ना ईमान है,
बेईमानी करना धर्म समान है,
औरों के लिए नहीं सम्मान है,
पर इसी में से कोई भगवान है…
जो लोगों की मजबूरी को समझते,
वक़्त – बेवक्त वे हमारे काम आते,
कभी खुद को जोख़िम में डालकर,
कठिन घड़ी में औरों की जान बचाते,
ऐसे लोग भगवान के समकक्ष हो जाते,
असल रूप में भगवान कहाॅं दिख पाते?
पुण्यात्मा ही आज भगवान कहे जाते!!
…. अजित कर्ण ✍️

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