आज का द्रौण
आज का द्रौण
एकलव्य को
कटवाना पड़ा
अपना अंगूठा
क्योंकि
कुटिल द्रौण ने
कर रखा था
अनुबंध
राजघराने से
उनके राजकुमार को
सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर
बनाने का
आज द्रौण
हो चुका है
और अधिक खुंखार
अब वह
अंगूठा नहीं
गला काटता है
-विनोद सिल्ला©