घमंडी है आज का इन्सान
आज दुनिया में जीना ना आसान है,
क्योंकी आज भगवान बना इन्सान है।
आज के इन्सान में भरा है घमंड इतना,
कि उसे हर दूसरा इन्सान दिखाई देता है,
तिनके जितना।
आज तो इन्सान केवल ,
अपने स्वार्थ तक ही सीमित है।
उसके आगे किसी के जज्बातों ,
व भावनाओं की न कोई कीमत है।
दुनिया में जीते हैं केवल अपना,
स्वार्थ पूरा करने के लिए।
नहीं बची है उनमें दरियादिली,
किसी और इन्सान के लिए।
आज इन्सान सरेआम मौत,
का तांडव कर रहा है।
तभी तो आज आम इन्सान,
बिना कसूर के मर रहा है।