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9 Dec 2018 · 1 min read

आज का आदमी –आरके रास्तोगी

आज का आदमी,आदमी कहाँ रह गया है
वह तो आज की,चकाचोंध में बह गया है
अगर आज, आदमी,आदमी होता
तो वह आज की चकाचोंध में न बहता

आज के आदमी में,आदमियत निकल चुकी है
वह तो आज स्वार्थ के हाथो बिक चुकी है
अगर आज आदमी में स्वार्थ न होता
तो वह आज आदमियत से बंधा होता

आज आदमी,आदमी से कहाँ मिलता है
वह तो आज अपने मतलब से मिलता है
अगर आज आदमी मतलबी न होता
तो हर आदमी, हर आदमी से मिलता

अगर आज आदमी,आदमी ही होता
उसमे इर्ष्या,घर्णा,स्वार्थ भरा न होता
कितना अच्छा होता जो आदमी आदमी ही होता
तो सारा संसार कितना सुखमय होता

आर के रस्तोगी

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 250 Views
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