आज कल इश्क के चर्चे होते नही।
आजकल इश्क के चर्चे होते नहीं
मोहब्बत की बातें कोई करते नहीं
फुर्सत ही नही है दिल लगाने की
अब पैसों में हर चीज मिलती है
यहाँ तन खरीदो या मन खरीदो
हम ख़ुशी चाहते है चंद लम्हो की।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”
आजकल इश्क के चर्चे होते नहीं
मोहब्बत की बातें कोई करते नहीं
फुर्सत ही नही है दिल लगाने की
अब पैसों में हर चीज मिलती है
यहाँ तन खरीदो या मन खरीदो
हम ख़ुशी चाहते है चंद लम्हो की।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”