Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2022 · 1 min read

आज उनकी जय बोल

जो फन्दो पर झूले
कलमो से खतरो को झेले
जो नही है बीच हमारे
उनकी सहरानाये गायो सारे
जो बीज गये है-बोल
आज उनकी जय बोल।।।।।।
मातृ भूमि की सेवा खातिर
कर्म करने में हुये आतुर
भिड गये वीर टोले में
लड गये अंग्रेजो से डोल।।।।।।१
आज उनकी जय बोल। ।।।।
पकड के जेल गये सारे
भगत बिस्मिल थे न्यारे
डरे नही उनसे प्यारे
डोले बे फंदो पर डोल।।।।।२
आज उनकी जय बोल।।।।।।
मात पिता की परबाह न करके
लगे जूझने उनसे भिडकर
देश उन्हे प्राणो से प्यारा
बोले जो नारा वो बोल।।।।।३
आज उनकी जय बोल।।।।।

Language: Hindi
2 Likes · 409 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
Shashi kala vyas
4442.*पूर्णिका*
4442.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
©️ दामिनी नारायण सिंह
फागुन होली
फागुन होली
Khaimsingh Saini
प्रलयंकारी कोरोना
प्रलयंकारी कोरोना
Shriyansh Gupta
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
Rajesh Kumar Arjun
ताई आले कावड ल्यावां-डाक कावड़िया
ताई आले कावड ल्यावां-डाक कावड़िया
अरविंद भारद्वाज
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Rashmi Sanjay
पहचान
पहचान
surenderpal vaidya
यहां सभी लोग समय के चक्र में बंधे हुए है, जब सूर्य दिन के अल
यहां सभी लोग समय के चक्र में बंधे हुए है, जब सूर्य दिन के अल
Rj Anand Prajapati
आशियाना
आशियाना
Dipak Kumar "Girja"
जिम्मेदारियां दहलीज पार कर जाती है,
जिम्मेदारियां दहलीज पार कर जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पुरुष हूँ मैं
पुरुष हूँ मैं
singh kunwar sarvendra vikram
मुझे ‘शराफ़त’ के तराजू पर न तोला जाए
मुझे ‘शराफ़त’ के तराजू पर न तोला जाए
Keshav kishor Kumar
जय मंगलागौरी
जय मंगलागौरी
Neeraj Agarwal
നല്ല നാളുകൾ.
നല്ല നാളുകൾ.
Heera S
रिश्ता - दीपक नीलपदम्
रिश्ता - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मैंने अपनी तन्हाई में
मैंने अपनी तन्हाई में
Chitra Bisht
इस संसार में क्या शुभ है और क्या अशुभ है
इस संसार में क्या शुभ है और क्या अशुभ है
शेखर सिंह
दोहा पंचक. . . मकरंद
दोहा पंचक. . . मकरंद
sushil sarna
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
*पिता*...
*पिता*...
Harminder Kaur
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में
Neelam Sharma
हां अब भी वह मेरा इंतजार करती होगी।
हां अब भी वह मेरा इंतजार करती होगी।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
# TRUE THING
# TRUE THING
DrLakshman Jha Parimal
"प्यास का सफर"
Dr. Kishan tandon kranti
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
पूर्वार्थ
अश्रु की भाषा
अश्रु की भाषा
Shyam Sundar Subramanian
मन   पायेगा   कब   विश्रांति।
मन पायेगा कब विश्रांति।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...