– आज्ञाकारी राम –
आज्ञाकारी राम –
पिता के कहने पर जिसे मिलना था राजपाट,
मिला उसे चौदह वर्ष का वनवास,
वनवास में भी मर्यादित रहकर निभाया श्री हरि ने अपने मानव अवतार का किरदार,
वनवास काल में कई राक्षकों को मारकर किया उनका उद्धार,
रावण ने जब छल से किया हरण माता सीता का,
जब जानते थे राम की सोने के हिरण नही होते,
मर्यादा और भाग्य विधाता के लिखे लेख का किया उन्होंने सम्मान,
कर रावण का वध उन्होंने बनाया संतुलन,
बढ़ाया धर्म ध्वजा का मान,
ऐसे थे पिता के आज्ञाकारी प्रभु श्री राम,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान