Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2024 · 1 min read

*आजादी हमसे छीनी यदि, तो यम से भी टकराऍंगे (राधेश्यामी छंद )

आजादी हमसे छीनी यदि, तो यम से भी टकराऍंगे (राधेश्यामी छंद )
_________________________
आजादी हमसे छीनी यदि, तो यम से भी टकराऍंगे
हम तीन रंग के झंडे की, आजादी नहीं गॅंवाऍंगे
महाशक्ति के षड्यंत्रों को, युद्धों में धूल चटाऍंगे
गद्दार देश के हों कोई, हम उनको सबक सिखाऍंगे

रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

69 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

चले आना तुम
चले आना तुम
Jyoti Roshni
बहुत बोल लिया है
बहुत बोल लिया है
Sonam Puneet Dubey
क्या हिसाब दूँ
क्या हिसाब दूँ
हिमांशु Kulshrestha
समस्त जगतकी बहर लहर पर,
समस्त जगतकी बहर लहर पर,
Neelam Sharma
"पवित्र पौधा"
Dr. Kishan tandon kranti
*छलने को तैयार है, छलिया यह संसार (कुंडलिया)*
*छलने को तैयार है, छलिया यह संसार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सभी के स्टेटस मे 9दिन माँ माँ अगर सभी के घर मे माँ ख़ुश है तो
सभी के स्टेटस मे 9दिन माँ माँ अगर सभी के घर मे माँ ख़ुश है तो
Ranjeet kumar patre
चांद शेर
चांद शेर
Bodhisatva kastooriya
मौला   अली  का  कहना  है
मौला अली का कहना है
shabina. Naaz
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
एक मुक्तक
एक मुक्तक
संजीव शुक्ल 'सचिन'
4333.*पूर्णिका*
4333.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
में तेरी हर बात और जिद्द मान लूंगा अपने झगड़ते में
में तेरी हर बात और जिद्द मान लूंगा अपने झगड़ते में
पूर्वार्थ
नारी नर
नारी नर
लक्ष्मी सिंह
अश्रु की भाषा
अश्रु की भाषा
Shyam Sundar Subramanian
अपना हिंदुस्तान रहे
अपना हिंदुस्तान रहे
श्रीकृष्ण शुक्ल
G
G
*प्रणय*
आके चाहे चले जाते, पर आ जाते बरसात में।
आके चाहे चले जाते, पर आ जाते बरसात में।
सत्य कुमार प्रेमी
काजल
काजल
SHAMA PARVEEN
कभी कभी इंसान बहुत खुशी दिखाता है
कभी कभी इंसान बहुत खुशी दिखाता है
Mamta Rani
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
gurudeenverma198
ऊसर धरती में जरा ,उगी हरी क्या घास .
ऊसर धरती में जरा ,उगी हरी क्या घास .
RAMESH SHARMA
कुछ रूबाइयाँ...
कुछ रूबाइयाँ...
आर.एस. 'प्रीतम'
⛪🕌🕍🛕🕋 तू ही मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है​, मेरी हर साँस ने बस ये ही दुआ माँगी है​, जाने क्यूँ दिल खिंचा जाता है तेरी तरफ​, क्या तूने भी मुझे पाने की दुआ माँगी है​। ⛪🕌🕍🛕🕋
⛪🕌🕍🛕🕋 तू ही मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है​, मेरी हर साँस ने बस ये ही दुआ माँगी है​, जाने क्यूँ दिल खिंचा जाता है तेरी तरफ​, क्या तूने भी मुझे पाने की दुआ माँगी है​। ⛪🕌🕍🛕🕋
Sageer AHAMAD
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हश्र का मंज़र
हश्र का मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
उम्मीद है दिल में
उम्मीद है दिल में
Surinder blackpen
रिश्ता
रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
बदला सा व्यवहार
बदला सा व्यवहार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*वृक्ष लगाओ हर साल*
*वृक्ष लगाओ हर साल*
Krishna Manshi
Loading...