आजादी के वीर सिपाही
शहीदों को श्रधांजलि स्वरूप यह रचना ?????
कैसे मिली आजादी लोगो मैं तुमको आज बताऊंगा ।
किस किस नै कुर्बानी देदी मैं उन के नाम गिणाऊंगा ।। टेक
१ चन्द्र शेखर आजाद मरया अल्फ्रेड पार्क मैं घिरग्या
मंगल पांडे नै करी बगावत मरकै नाम अमर करग्या
नेता जी का पता चल्या नां किस हालत मैं वो मरग्या
जनरल डायर नै चाले कर दिए खप्पर अमृतसर भरग्या
जलियाँ वाला बाग गवाह सै , सबूत तुम्हें दिखलाऊंगा ।।
२ गोंडा जेल में राजेंद्र लाहिड़ी , फांसी ऊपर झूल गए
गोरखपुर मैं झुलाया बिस्मिल , के भारतवासी भूल गए
रोशन सिंह इलाहबाद की , जिला जेल में टूल गए
फैजाबाद मैं अशफ़ाक़ उल्ला , कर फांसी को कबूल गए
खुदीराम बोस और वीर सावरकर की मैं याद दिलाऊंगा ।।
३ तात्यां टोपे फांसी चढग्या , उस ईश्वर का रटकै नाम
लक्ष्मी बाई रण मै मरगी , जिसनै पाया मुक्ति धाम
लाला जी पै लाठी बरसी , उनका होग्या काम तमाम
नाना साहिब पाया कोन्या , कित ठा लेग्या उसनै राम
नयूं भी कहकै नहीं गया वो , मैं फेर दोबारा आऊंगा ।।
४ राजगुरु , सुखदेव , भगत सिंह , वे तीनों फांसी तोड़ दिए
बटु केश्वर शिव वर्मा जैसे , काला पाणी छोड़ दिए
कोए उड़ाया तोपां तैं भाई , कुछ लाठियां तैं सिर फोड़ दिए
कपीन्द्र शर्मा तूं आण जगत मैं , वीरां की गाथा जोड़ दिए
गाँधी जी भी देशभगत थे , मैं उनको नहीं भुलाऊंगा ।।
लेखक – कपीन्द्र शर्मा
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