Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।

आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार। कौन है ज़िम्मेदार…?

😢प्रणय प्रभात😢

1 Like · 85 Views

You may also like these posts

वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
Mahender Singh
रोला छंद. . . . बाल दिवस
रोला छंद. . . . बाल दिवस
sushil sarna
Upon waking up, oh, what do I see?!!
Upon waking up, oh, what do I see?!!
R. H. SRIDEVI
IPL के दौरान हार्दिक पांड्या को बुरा भला कहने वाले आज HERO ब
IPL के दौरान हार्दिक पांड्या को बुरा भला कहने वाले आज HERO ब
पूर्वार्थ
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
कृष्णकांत गुर्जर
15. गिरेबान
15. गिरेबान
Rajeev Dutta
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
तोरे भरोसे काली
तोरे भरोसे काली
उमा झा
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
Manisha Manjari
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
चोपाई छंद गीत
चोपाई छंद गीत
seema sharma
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
Jogendar singh
आज मौसम में एक
आज मौसम में एक
अमित कुमार
रात का रक्स..
रात का रक्स..
हिमांशु Kulshrestha
कीजिए
कीजिए
*प्रणय*
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
वो जुगनुओं से भी गुलज़ार हुआ करते हैं ।
वो जुगनुओं से भी गुलज़ार हुआ करते हैं ।
Phool gufran
बचपन
बचपन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
हार जीत
हार जीत
Sudhir srivastava
"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
इंसान बनने के लिए
इंसान बनने के लिए
Mamta Singh Devaa
शून्य से अनंत
शून्य से अनंत
The_dk_poetry
3353.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3353.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बाल दिवस
बाल दिवस " वही शिक्षक कहाता है"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
अधूरा मिलन
अधूरा मिलन
Er.Navaneet R Shandily
खुद से मिल
खुद से मिल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अक्सर समय बदलने पर
अक्सर समय बदलने पर
शेखर सिंह
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
VINOD CHAUHAN
*अब लिखो वह गीतिका जो, प्यार का उपहार हो (हिंदी गजल)*
*अब लिखो वह गीतिका जो, प्यार का उपहार हो (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...