आज़ाद थें, आज़ाद हैं,
आज़ाद थें, आज़ाद हैं,
हम आज़ाद ही रहेंगे !
आज़ादी का मतलब ये नहीं…
कि अपने तिरंगे से हम,
तीन रंगों को आज़ाद करेंगे।
केशरिया, सफेद और हरा…
तीनों मिल कर है,
तिरंगा को बनाता।
इस से बड़ी पहचान एकता की…
और क्या हम दे सकेंगे ?
जब एक ही लहू है बहता
हर किसी के रगों में यहाँ…
तो रग रग में बहता ये लहू,
अपने वतन के लिए ही बहेंगे।
लाख कोशिशें करें…
तोड़ने का हमें ये ज़माना !
हम एक थें, एक हैं,
और एक ही रहेंगे !