आज़ादी के बाद भारत में हुए 5 सबसे बड़े भीषण रेल दुर्घटना
क्या आपको पता है आजादी के 75 साल के अंदर हुए एसी 5 भीषण रेल दुर्घटना
जिसको भारत के इतिहास में सबसे बड़ी रेल दुर्घटना मानी जाती है चलिए हम इस लेख के जरिए जानने की कोशिश करते हैं कि उस दुर्घटना में कितने लोग मारे गए और कितने लोग घायल हुए एवं कब और कहां दुर्घटना हुआ।
लेकिन ओडिशा के बालासोर में हुए दुर्घटना के आंकड़े को देखा जाए तो यह भारत के तीसरा सबसे बड़ा रेल दुर्घटना है अब तक इस दुर्घटना में 288 लोगों के मौत हो गई है और 1175 से ज्यादा घायल हो चुके हैं
1. 6 जून 1981, जगह सहरसा, बिहार; रिपोर्ट्स में 800 की मौत
पैसेंजर ट्रेन मानसी से सहरसा की ओर जा रही थी। जोरदार बारिश हो रही थी। तेज हवाएं चल रही थीं। जब ट्रेन बागमती नदी के ऊपर बने पुल से गुजर रही थी, तभी अचानक ड्राइवर ने ब्रेक मार दिया। एक झटके में इसके सात डिब्बे नदी में गिर गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें करीब 800 लोगों की मौत हुई थी। सरकारी आंकड़े में 300 लोगों के मरने की बात कही गई है।
2. 20 अगस्त, 1995, जगह फिरोजाबाद; 400 की
रात 2 बजकर 46 मिनट का वक्त कालिंदी एक्सप्रेस दिल्ली जा रही थी, तभी फिरोजाबाद स्टेशन पर एक नीलगाय टकरा गई। इससे कुछ देर के लिए ट्रेन रुक गई। इसी बीच पीछे से पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने उसे टक्कर मार दी। इसमें करीब 400 लोगों की मौत हुई थी और 400 लोग घायल हुए थे।
3. 2 अगस्त 1999, जगह गैसल, पश्चिम बंगाल: 285 की मौत
ब्रह्मपुत्र मेल कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस हादसे में 285 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। करीब 300 लोग घायल हुए थे।
4. 26 नवंबर 1998, पंजाब, 212 की मौत
जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस पंजाब के खन्ना में फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई थी, जिसमें 212 लोगों की मौत हो गई थी।
5. 20 नवंबर 2016, पुखराया कानपुर 153 की मौत
पटना इंदौर एक्सप्रेस पटना की ओर जा रही थी। अलसुबह 3 बजे के करीब कानपुर के पुखरायां के पास इसके 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। इसमें 153 लोगों की जान चली गई। करीब 260 लोग घायल हो गए थे।