{{{ आजमाईश }}}
जीतने करीब हम , उनके रहना चाहते थे ,
उतने हो हमसे वो, रफ्ता रफ्ता दूर हो गए ,,
न थी मोहब्बत कम, न बेवफा थे हम ,
फिर भी जाने क्यों ,उनको हमसे गिले ही गए ,,
सब के करीब हैं वो , दिल फ़रेब शक्स महफ़िल में ,
बस हमारे दरमियाँ ही , मिलो के फासले हो गए ,,
याद नही करता हैं अब , वो मुझे पलभर भी ,
कुछ कहूं तो कहता , अरे तुम तो दिलजले हो गए ,,
हर आजमाईश लेता हैं ,वो मेरा इश्क़ में ,
साथ चलता तो हैं फिर भी , सफ़र में हम अकेले हो गए ,,
नारस्ती इश्क़ में कितने ही , फ़ित्ना झेले है हमने ,
नियाज़ भी उनके थे और, उनके ही फैसले हो गए ,,
मोहब्बत पे यक़ी करता नही , वफ़ा से नाशाद रहता हैं ,
हम राह ताकते रहे उनका और वो हमसे ज्यादा किसी और
के पहले हो गए
सिर्फ़ तेरे रहने के लिए दुनिया से ,क्या खुद से भी दूर हो गए हम ,
कल भीड़ में तन्हा होते थे हम , और आज तन्हा में भी अकेले हो गए,,