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10 Mar 2024 · 1 min read

आजमाइश

आजमाइश

मैदान में शिकस्त की, फिर से गुंजाइश हो,
उस शख्स के हौसले की,फिर क्या आजमाइश हो?
कोई जीत भी जाए,पर वो हारेगा क्या?
कि लड़खड़ाकर जिसको,संभलने की ख्वाहिश हो।

अजय अमिताभ सुमन

1 Like · 189 Views
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