– आजकल पहले जैसा प्रेम कहा –
– आजकल पहले जैसा प्रेम कहा –
आजकल पहले जैसा प्रेम कहा ,
वो चिट्ठी पत्री के लिए इंतजार कहा,
वो प्रेम प्यार का एहसास कहा,
एक जमाने में चिट्ठीयो से प्रेम का इजहार होता था,
चिट्टियो के आने का इंतजार सभी को रहता था,
कागज़ ,कलम पुस्तक में वो बात थी,
उसमे लिखे शब्दो का एहसास दिल को छूता था,
आधुनिक युग की तकनीकी ने यह एहसास छीन लिया,
तकनीकी यंत्र ने वो दिल का तार दुनिया से छीन लिया,
डाकघर के डाकियों का रोजगार उनसे छीन लिया,
पत्र में लिखे शब्दो का एहसास दिलो को छू जाता था,
तकनीकी युग वो सुख मोबाइल ने छीन लिया,
पुरातन समय के रिश्ते अटूट पत्रों से ही रहते थे,
तकनीकी युग में मोबाइल मे पल में बनना पल में बिगड़ना सीख लिया,
मोबाइल (तकनीकी)यंत्र के टंकण से रिश्ते यू बनते बिगड़ते है,
सात जन्म तक साथ निभाने वाले सात मिनट में बिखरते है,
जरा सी बात पर टंकिट संदेश मिट जाते है,
चंद मिनटों में बने बनाए रिश्ते बिगड़ जाते है,
आजकल वो पहले जैसा प्यार कहा वो ,
वो चिट्ठी पत्री के लिए इंतजार कहा,
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184-