आग वो क्यों लगाये है
आग वो लोग क्यों लगाये है
वो किसी के बहुत सिखाये है
देश का लूटता अमन अब फिर
कोन नजरें यहाँ लगाये है
हो गये है सभी घरों में बंद
लोग भय से तो सकपकाये है
जब जुलूसे सड़क निकाले वो
एक्ट से आज तिल मिलाये है
लाट साहब बने बिना नम्बर
अब तलक श्रम बिना उड़ाये है
बात का अर्थ तुम सही समझो
दूसरों की में आज आये है