आगे बढ़ना काम हमारा..!
आगे बढ़ना काम हमारा
जलने दो जलना है जिनको
आगे बढ़ना काम हमारा
भारत मां के राष्ट्र यज्ञ में
समिधा का है स्थान हमारा ।। धृ ।।
बाधाएं बाधक होने दो
कस कस कर
साधक होंगे हम
मुसीबतों को फिर आने दो
जीवन अर्पित योद्धा होंगे हम ।। १ ।।
भौतिकता के अंधियारों में
जलने वाले दीपक होंगे हम
स्वार्थता के भ्रष्ट प्रवाह में
गंगा से पावनता लेंगे हम ।। २ ।।
ज्ञान ध्यान की आराधना से
जन मन फिर से जाग उठेगा
व्यक्ति समष्टि और राष्ट्र हमारा
परम वैभव को प्राप्त करेगा ।। ३ ।।
कमर कसी है, हमने अब तो
राष्ट्र हित में लगे रहेंगे
दिशा दिशा में, भारत मां के
विजय गान का गूंजे नारा
मां के चरण कमल पर ही हो
जीवन पुष्प समर्पित सारा ।। ४ ।।
रचनाकार
©️ कवि शशांक कुलकर्णी
( यह कविता शशांक कुलकर्णी लिखित ‘ नाद आंतरिचा ‘ इस कविता संग्रह से लियी गई है। )