Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2023 · 1 min read

आखिर कब तक?

#दिनांक:-16/10/2023
#शीर्षक:-आखिर कब तक?

इजराइल, फिलिस्तीन और हमास
स्वतंत्रता, संप्रभुता,स्वायत्तता की चाह में, लेने को सांस,
धर्म के नाम पर कर रहे हैं लड़ाई,
बच्चे, बुजुर्ग, औरत पर भी ना तरस खाई।
कैसा नराधम आतंकी हमास हो गया?
लाचार, बेसहारे बच्चों और औरतों का, सिर कलम कर दिया?
हाय रे इंसान कैसी तेरी इंसानियत ?
पल में दोस्त,
पल में खूनखराबे की फितरत!
माना मन के अंदर सदा रहते दो भाई,
आपस में करते हमेशा लडाई ,
पर क्या कमाल,
बुरे मन ने सोच को उकसा दिया,
मारकर बेकसूर जनों को,
अपने मानवता विरोधी,
धर्म का प्रचार किया ।
गरीब फिलिस्तीन की अमीरी नफरत में झलकी ,
बताओ कब जन्म ले रहे कलयुग के कल्की ?
कब आपस का बैर खत्म होगा ?
कब इंसान के मन से दूषित भाव मिटेगा?
कब रवैया कट्टरता का खत्म होगा ?
आखिर कब तक ,
सत्य अपना तथ्य रखेगा? |

रचना मौलिक,अप्रकाशित,स्वरचित और सर्वाधिकार सुरक्षित है।

प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

Language: Hindi
1 Like · 289 Views

You may also like these posts

Navratri
Navratri
Sidhartha Mishra
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
नशा से बचें
नशा से बचें
अवध किशोर 'अवधू'
तप रही जमीन और
तप रही जमीन और
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#तेवरी / #ग़ज़ल
#तेवरी / #ग़ज़ल
*प्रणय*
296क़.*पूर्णिका*
296क़.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दिवस पर हर बोली भाषा को मेरा नमस्कार
हिंदी दिवस पर हर बोली भाषा को मेरा नमस्कार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
राष्ट्र की अभिमान हिंदी
राष्ट्र की अभिमान हिंदी
navneet kamal
Mushaakil musaddas saalim
Mushaakil musaddas saalim
sushil yadav
मैं विवेक शून्य हूँ
मैं विवेक शून्य हूँ
संजय कुमार संजू
- मोहब्बत का सफर बड़ा ही सुहाना -
- मोहब्बत का सफर बड़ा ही सुहाना -
bharat gehlot
मै ही रहा मन से दग्ध
मै ही रहा मन से दग्ध
हिमांशु Kulshrestha
गया राजपद प्रभु हर्षाए : कुछ चौपाइयॉं
गया राजपद प्रभु हर्षाए : कुछ चौपाइयॉं
Ravi Prakash
आँखों को ....
आँखों को ....
sushil sarna
शिक्षक हूँ  शिक्षक ही रहूँगा
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कुछ पल तेरे संग
कुछ पल तेरे संग
सुशील भारती
शिव स्तुति
शिव स्तुति
मनोज कर्ण
जब तुम
जब तुम
Dr.Priya Soni Khare
" रागी "जी
राधेश्याम "रागी"
जब इंसान को किसी चीज की तलब लगती है और वो तलब मस्तिष्क पर हा
जब इंसान को किसी चीज की तलब लगती है और वो तलब मस्तिष्क पर हा
Rj Anand Prajapati
यदि हमें अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन करना है फिर हमें बाहर
यदि हमें अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन करना है फिर हमें बाहर
Ravikesh Jha
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
भज ले भजन
भज ले भजन
Ghanshyam Poddar
* कुपोषण*
* कुपोषण*
Vaishaligoel
अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस
अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस
Bodhisatva kastooriya
5. Tears in God's Eyes
5. Tears in God's Eyes
Santosh Khanna (world record holder)
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
दोहा- अभियान
दोहा- अभियान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...