आखिरी सहारा
एक समय की बात है एक गांव में आनंद नाम का एक आदमी रहता था जो किसानी के साथ ही गांव में मुनियादी और एक होटल में काम करता था आनंद का एक लड़का जिसका नाम नवीन था जो बचपन मे बहुत बीमार रहता था और बडी़ कठिनाईयो के बाद उसकी जान बची थी लेकिन बडे़ होते होते नवीन का शरीर बन गया और वहा थोडा़ मोटा हो गया जिसके कारण बच्चे उसे मोटा कहकर चिढा़ते पर नवीन शरीर होने के बावजूद बच्चों का कुछ कर नही पाता क्योकि नवीन डरता था इसके बाद भी आनंद और उसका बेटा खुशी से रहते थे सब सही चल रहा था लेकिन एक दिन बरसात मे अपने खेतों में दवाई छिड़कने गया वहा जब उसने अपना बोरवेल चालू करना चाहा तो करेंट लगने से उसकी मृत्यु हो गयी तब उसके पापा को बहुत दुख हुआ की मेरा आखिरी सहारा ना रहा !