आखिरी मुलाकात ( रिटायरमेंट )
मैं खुश नही मेरे दोस्तों,
मैं आज हूँ थोडा सा उदास,
कल सांझ से कुछ रातों से,
मुझे आ रही है तुम सब की याद ।
बेचैनी मेरी बढ़ रही है इस खयाल में,
छोड़ दूंगा आज तुम्हारा साथ,
जीवन के इस पड़ाव में ।
मुझे माफ़ करना अपना समझकर,
मेरा नाम लेकर कुछ अनकहे शब्द कहकर,
मैं चाहता हूँ तुम्हारे लबो से,
सुनता रहूँ तुम सब की ही आवाज़ ।
मुझे माफ़ करना मेरे दोस्तों
मैं आज हूँ थोड़ा उदास…..
आँखों से गुजर गए वो दिन,
हर सुबह हाथ मिलाते निकल गए वो दिन,
याद आएगा मुझे हर सुबह तुमसे वो मिलना,
बातें करना चाय पीना और मुश्किलों में साथ देना ।
क्या याद है तुमको वो पल,
जब खाया हम सभी ने खाना मिल बाँट कर,
क्या याद है तुमको वो स्वाद,
सुख-दुःख में चखा हमने जो एक साथ ।
हर मुश्किल वक्त में कठिनाइयों के दौर में,
तुमने निभाया मेरा खूब साथ,
उस साथ के लिए, उस प्यार के लिए,
आपका तहे दिल से धन्यवाद ।
मैं खुश नही मेरे दोस्तों
मैं आज हूँ थोडा उदास….
क्या याद है तुमको वो दिन,
कंपकंपाते सर्दियों के दिन,
गिरे हुए पतझड़ के पत्ते,
मदमस्त खुशबू बसंत के रंगीन दिन..।
क्या याद है तुमको वो दिन,
कड़कती धूप, आग और गर्मी के दिन,
बरसात के वो भीगे दिन,
उमस में पसीजते वो दिन..?
राजनीति की बैठक के वो दिन,
बच्चों की तरह लड़ते झगड़ते वो दिन,
ऐसे ही प्यार से तकरार से,
ऐसे ही गुजर गए वो मदहोश दिन..!
क्या तुम्हें याद है..?
दिन रात नौचता है मुझे,
दिल को कचोटता है मेरे,
तुम्हारे साथ बीता हुआ वो हरेक पल
मेरी पलकों को भिगोता याद का वो हरेक लम्हा ।
मैं खुश नही मेरे दोस्तों
मैं आज हूँ थोडा सा उदास ।
मेरी गुजारिस है तुमसे
इसे मेरी जागीर समझना
अपने खयालों में मुझे बस
यूँ ही बनाए रखना कल मैं ना मिलुंगा
मुझे याद कर मेरी परछाई को ही
अपना समझना।
यही तोहफा तुम्हारा मैं स्वीकार
करता हूँ मैं हूँ तुम्हारा
तुम्हारी रूह से मैं फरियाद करता हूँ ।
मैं खुश नही मेरे दोस्तों
मैं आज हूँ थोडा सा उदास ….