आखिरी जब तू सफ़र जाएगा
——-ग़ज़ल—–
2122–1122+-22
1-
प्यार का भूत उतर जाएगा
तब बता दे तू किधर जाएगा
2-
जान लेगा जो हक़ीक़त तेरी
टूट कर शीशा बिख़र जाएगा
3-
वो चलाते हैं नज़र के खंज़र
दिल तू बच करके किधर जाएगा
4-
रूठ कर जो तू गया हमको तो
तेरा दिलदार तो मर जाएगा
5-
संग आमाल तेरा होगा तब
आखिरी जब तू सफ़र जाएगा
6-
ज़िन्दगी की ये लडाई “प्रीतम”
एक दिन जीत के घर जाएगा
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती(उ०प्र०)