आकार
मोल नही उस पत्थर का, जिसने सृ जे नही मोती ये तब तक ठो कर खायेगा जब तक इसका आकार यही, पत्थर की नियति एसी है, गर रख जाये ये मंदिर मे, श्रधा से निसदिं मन्दिर मे पूजा जायेगा, पत्थर का उस कुछ मोल नही, जो राह पथिक की तकता है, एसा पत्थर तो पैरो से निसदिं ही रौंदा जायेगा।।