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27 Jul 2021 · 1 min read

आकर मेरी मज़ार पर

आकर मेरी मज़ार पर,
अगरबत्ती क्यों जलती हो ?
मेरा दिल तो पहले ही जला था,
अब और क्यों तुम जलती हो ?

मर गया था ठिठर कर मै ,
सर्दियों में तेरे घर के सामने।
अब तो गर्मियों में भी आकर,
मेरे मजार पर चादर उढ़ाती हो।

Language: Hindi
3 Likes · 389 Views
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