*”आओ हम वृक्ष लगाए”*
आओ हम वृक्ष लगाए
कोरोना काल में घर से बाहर निकल न पाते।
घर की बगिया में क्यारियां बना वृक्षारोपण करते।
जमीन की मिट्टी में बीज खाद डाल पानी सींच पौधे लगाते।
जब बीज से कोपलें फूटती पत्तियां देख मन हर्षित हो जाते।
बीज जब पौधे बन ऊपर आते बारिश के पानी से बढ़ते ही जाते।
धीरे धीरे बड़े होकर फल फूल औषधि ,स्वास्थय लाभ दे जाते।
आम की गुठली से आम का बड़ा पेड़ बन खट्टे मीठे फल दे जाते।
जामुन बेर के खट्टे फलों का स्वाद मौसम के अनुसार स्वाद लेते जाते।
जब बाहर सैर सपाटे घूमने भ्रमण करने को जाते।
बीज सम्हाल थैले में ले जाते मिट्टी में दबाकर आ जाते।
हरे भरे पेड़ हरियाली देख मनोरम दृश्य मन को लुभाते।
शुद्ध हवाओं संग भरपूर ऑक्सीजन हमें जीवन मे देते जाते।
प्रकृति का ये अनुपम अदभुत अनोखा उपहार।
वृक्षों को बचाने हम संकल्प लेते है बार बार।
आओ हम सब मिलकर पौधरोपण कर जीवन बचाए।
जल व वृक्ष से जीवित रहने के लिए प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए।
धरती को प्रलय काल से बचाने का यही उपाय अपनाए।
पर्यावरण हम सबकी जान बचाने इसकी सुरक्षा कर सम्मान का हक जताए।
एक पेड़ ऑक्सीजन देता इसका महत्व सबको समझाए।
पर्यावरण ही जीवन आधार इसे बचाने खुद आगे बढ़ते ही जाए।
आओ हम सब मिलकर वृक्षारोपण करते जाए।
आने वाली पीढ़ी दर पीढ़ी फल फूल औषधि पाकर खुश हो जाए।
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शशिकला व्यास