आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
सेम, सीताफल,लौकी की लताएं
आओ सर्दी की बांहों में खो जाए
लहलहाते दूर तक गेहूं की फसल
धनिया,तीसी,मसूर,बकला,मटर
मन मोहित देख सरसो के फूल
गेंदा, गुलाब, पर भौंरे रहे झूल
दांत किटकिटा देतीं हैं सर्द हवाएं
आओ सर्दी की बांहों में खो जाएं
बथुआ,मेथी से सजी धरती रानी
लहसुन,प्याज़,आलू,पालक धानी
मूली,शलजम,चुकंदर,का जलवा
पपीता,गाजर का जबरदस्त हलवा
कोहरा, बारिश, तुषार की बलाएं
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं।
आग में मीठे शकरकंद रहे भूज
आग के पास मीठे गन्ने रहे चूस
लड्डू गुड़,तील,मूंगफली,लाई के
बर्फी,पेड़ा दूध मक्खन मलाई के
गैस स्टोव छोड़ लकड़ी चूल्हा जलाएं
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
नूर फातिमा खातून” नूरी”
जिला- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
मौलिक स्वरचित