*आओ लक्ष्मी मातु श्री, दो जग को वरदान (कुंडलिया)*
आओ लक्ष्मी मातु श्री, दो जग को वरदान (कुंडलिया)
_________________________
आओ लक्ष्मी मातु श्री, दो जग को वरदान
निर्धनता सब की मिटे, बन जाऍं धनवान
बन जाऍं धनवान, सभी सारे सुख पाऍं
भोजन वस्त्र मकान, भाग्य में सबके आऍं
कहते रवि कविराय, सभी के घर-घर जाओ
शुभ का दो आशीष, रूप मंगल धर आओ
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451