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7 Jun 2023 · 1 min read

आओ रोपें एक तरू हम

आओ रोपें एक तरू हम
अपनी प्यारी सुता के नाम
सींचें उसको नेह नीर से
आएगा वह सभी के काम ।

नेह नीर से सिंचित तरुवर
बेटी जैसी चिन्ता करते ,
ताप घना है सहकर भी वे
शीतल छाया देते रहते ।

हर संताप बंजर धरा का
स्वच्छ बयार हर पल बहाते ,
खिला सुमन आँचल में अपने
महक जगत में हैं बिखराते ।

डॉ रीता सिंह
चन्दौसी सम्भल

Language: Hindi
2 Likes · 237 Views
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