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19 May 2017 · 1 min read

आओ रोपें इक तरुवर हम

आओ रोपें इक तरुवर हम
अपनी प्यारी तनुजा के नाम
सींचें उसको नित प्रेम से
आएगा वह सबके काम ।

प्रेम जल से सिंचित तरुवर
बेटी सम परवाह करते हैं ,
ताप घना सहकर भी वे
शीतल छाया देते हैं ।

हर संताप बंजर धरती का
स्वच्छ बयार बहाते हैं ,
पुष्पित होकर वे सदा ही
सुरभित जग कर जाते हैं ।

डॉ रीता

Language: Hindi
340 Views
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