आओ राम बने
शीर्षक–आओ राम बने
राम वर्णन निज मैं कैसे करूँ
सीता-राम मैं नित सुमिरन करूँ
जो राम देखूँ
तो फिर और क्या देखूँ
राम को तो बस राम ही में देखूं
जो देखने जाऊं देवालय तो वो ना दिखे
वो तो कोई भोली सूरत में ही दीखें
राम नाम दिखे हर घर में
राम जाप सुने साधू के मुख से
झांकियां निकले गली -मोहल्ले
कोई राम मुझे साधू में ना मिले
कोई राम दशरथ नंदन ना बने
राम कहाँ कुछ मांगे हमसे
राम के नाम पे दिल काहे बंटे
राम का मन्दिर दिलो में बने
राम राज्य तब ही बने
जब हर इंसान राम बने
राम के लिए
आओ राम बने–अभिषेक राजहंस