आओ मिल गणतंत्र मनायें, शिव महिमा
गणतंत्रदिवस पर मेरी रचना
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आओ मिल गणतंत्र मनायें
जागरूकता की अलख जगायें
आओ मिल ….
देश प्रेम और देश सेवाका,मिलकर सब कर्तव्य निभायें
अमर शहीदों की समाधि पर ,हम सब मिलकर” फूल” चढ़ायें
आओ मिल ……
हरित क्रांति से देश सजायें तिरंगें को पहचान बनायें
आओ मिल …..
बेटी बचायें ,बेटी पढ़ायें, कन्याधन में दान लगायें
आओ मिल …
देश की शान और देशकी आन को पूरे विश्व में पहचान बनायें
जागरूकता की अलख जगायें …..
भारत सेना का सम्मान बढ़ायें
किसानों का भी मान बढ़ायें
आओ मिल…..
संविधान के नियम पालनकर
जागरूक नागरिक बन जायें
जागरूकता की अलख जगायें….
आओ मिल गणतंत्र मनायें
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जय हिन्द🙏
डॉ कुमुद श्रीवास्तव वर्मा कुमुदिनी लखनऊ
“जय शिव शम्भू”
हे कैलाश के वासी
शभ्भू तुम अविनाशी|
सुन लो अरज हमारी,
तेरे चरनों की दासी |
हे डमरू वाले बाबा!
तेरी लीला है न्यारी|
दरसन कैसे मैं पाऊं,
इस दुखिया की लाचारी|
तुम जग के करता धरता,
सब जीव में छवि तुम्हारी|
मैं तेरे भजन सुनाऊं,
प्रभुकृपा करो बलिहारी|
तुम हठी हो औघड़ दानी,
गौरा सुहाग निशानीं,
जग गरल मुक्त करवाओ,
अमृत सी फैले बानीं|
डॉ कुमुद श्रीवास्तव वर्मा कुमुदिनी