आओ पर्यावरण बचाएं
जीवन को खुशहाल बनाएँ
आओ पर्यावरण बचाएँ
नदियों को कल-कल बहने दें
खग-कुल को कुल-कुल कहने दें
अभयदान दें वन-पशुओं को
निर्भय जंगल में रहने दें
पापी हैं यदि उन्हें सताएँ
आओ पर्यावरण बचाएँ
वृक्ष फूलने दें, फलने दें
अब न कुल्हाड़ी को चलने दें
पानी में जो जीव विचरते
उनको पानी में पलने दें
वृक्षारोपण कर सुख पाएँ
आओ पर्यावरण बचाएँ
नदियों में कचरा मत डालें
जो डाला है उसे निकालें
बीता समय न वापस आता
काम जरूरी कभी न टालें
रूठ गई है प्रकृति मनाएँ
आओ पर्यावरण बचाएँ
कोयल गाती है, गाने दें
सुमन डाल पर मुस्काने दें
थके बटोही को पीपल की
छाया पाकर सुस्ताने दें
सब मिल गीत खुशी के गाएँ
आओ पर्यावरण बचाएँ
**** महेश चन्द्र त्रिपाठी