आओ न मेघा(बरसात)
आओ न मेघा
बरस जाओ न मेघा
प्यासी धरती नेह माँगती
शीतल जल बरसाओ न मेघा
आओ न मेघा
बरस जाओ न मेघा
धरती सूखी, सूखे ताल
तुम बिन कृषक हुआ बेहाल
जरा तरस तो खाओ न मेघा
आओ न मेघा
बरस जाओ न मेघा
विटप पात मुरझा गए सारे
कली फूल कुम्हला गए सारे
आकर धीर बंधाओ न मेघा
आओ न मेघा
बरस जाओ न मेघा
धरती तेरी राह निहारे
सांझ सकारे बैठ द्वारे
धानी चुनर लाओ न मेघा
आओ न मेघा
बरस जाओ न मेघा
गरज-तरज कर मेघा आए
शीतल जल की बूंदे लाए
कैसी सुनी पुकार रे मेघा
गाएँ मंगलाचार रे मेघा
आओ न मेघा
बरस जाओ न मेघा