आओ न पास बैठो दिल के तार छेड़ो
आओ न पास बैठो,
दिल के तार छू लो।
कुछ बात हो दिल से दिल की
सुंदर विचार ले लो।।
कुछ प्रीत झलक जाए
कही बात याद आये।
मन भर साथ रह ले।
कुछ पल साथ बिताएं।
आओ न पास बैठो,
दिल के तार छू लो।
कुछ बात हो दिल से दिल की
सुंदर विचार ले लो।।
आंखों से बात होगी
आवाज न लगाएँ
चुपचाप मन की जाने ।।
यह पल न अब गवाएं।।
आओ न पास बैठो,
दिल के तार छू लो।
कुछ बात हो दिल से दिल की
सुंदर विचार ले लो।।
महसूस हो सुकूं का।
ऐसा पल चुरा लो।
आओ न पास बैठो,
दिल के तार छू लो।
कुछ बात हो दिल से दिल की
सुंदर विचार ले लो।।
क्रमशः शेष भाग अगले पोस्ट में ।
(विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र)