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13 Jan 2023 · 1 min read

आओ नाचें (कुंडलिया)

आओ नाचें (कुंडलिया)
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
आओ नाचें आग के, मिलकर चारों ओर
मूँगफली-गुड़ का मचे, त्यौहारों-सा शोर
त्यौहारों-सा शोर , सर्दियाँ दूर भगाऍं
राग-रंग उत्साह , चलो भीतर ले आऍं
कहते रवि कविराय,भूल सब सुस्ती जाओ
थिरकें सब के पाँव , जनवरी है सब आओ
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 9761 5451

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